💡🏦 भारतीय कंपनी कानून के तहत शेयर पूंजी की खोज: एक पेरेटो का सिद्धांत विश्लेषण (80/20 नियम) 🏦💡 नमस्ते #LinkedInCmunity, आइए आज भारतीय #कंपनी कानून के तहत #ShareCapital के महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करें। यहां आवश्यक 20% बिंदु दिए गए हैं जो आपको इस जटिल विषय का लगभग 80% समझने में मदद करेंगे!
1️⃣ शेयर पूंजी के प्रकार 📊📈:
कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत, शेयर पूंजी दो प्रकार की होती है: इक्विटी शेयर पूंजी और वरीयता शेयर पूंजी। इक्विटी शेयरों में मतदान का अधिकार होता है, जबकि वरीयता शेयर लाभांश और पूंजी के पुनर्भुगतान का अधिमान्य अधिकार प्रदान करते हैं।
2️⃣ शेयर जारी करना 📑🏦:
कंपनियां सार्वजनिक पेशकश या निजी प्लेसमेंट के माध्यम से शेयर जारी कर सकती हैं। कंपनी अधिनियम, 2013, इनमें से प्रत्येक विधि से संबंधित प्रक्रियाओं, अधिकारों और प्रतिबंधों का विवरण देता है।
3️⃣ प्रमाणपत्र साझा करें 📜🔖:
कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 46 के अनुसार, एक शेयर प्रमाणपत्र, जो शेयरों के स्वामित्व का प्रमाण है, आवंटन या हस्तांतरण की तारीख से दो महीने के भीतर जारी किया जाना चाहिए।
4️⃣ शेयरों का स्थानांतरण और प्रसारण 🔄🔄:
किसी कंपनी में शेयर कुछ शर्तों के अधीन हस्तांतरणीय होते हैं (धारा 44)। शेयरों का हस्तांतरण तब होता है जब स्वामित्व कानून के संचालन से स्थानांतरित होता है, उदाहरण के लिए, उत्तराधिकार, दिवालियापन, या मृत्यु।
5️⃣ शेयर पूंजी में कमी 💰⬇️:
कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 66 के तहत, एक कंपनी ट्रिब्यूनल द्वारा पुष्टि के अधीन अपनी शेयर पूंजी को कम कर सकती है यदि यह कंपनी और लेनदारों के हित में है।
6️⃣ शेयरों की पुनर्खरीद 🔄💰:
धारा 68 किसी कंपनी को मौजूदा शेयरधारकों से आनुपातिक आधार पर, खुले बाजार से, या ऑड-लॉट धारकों से अपने शेयर वापस खरीदने की अनुमति देती है। यह उस वित्तीय वर्ष में अपनी कुल चुकता इक्विटी पूंजी का 25% से अधिक वापस नहीं खरीद सकता है।
यह महत्वपूर्ण 20% आपको भारतीय कंपनी कानून के तहत शेयर पूंजी की जटिल दुनिया के माध्यम से नेविगेट करते हुए, 80% विषय की एक मजबूत समझ प्रदान करेगा। अपने विचार और प्रश्न अवश्य साझा करें!