🗓️👥 भारतीय कंपनी कानून के तहत कंपनी की बैठकों को डिकोड करना: एक 80/20 नियम की खोज 🗓️👥 नमस्ते #लिंक्डइनकम्युनिटी! आज, आइए भारतीय #कंपनी कानून के तहत निर्धारित #कंपनीमीटिंग्स की भूलभुलैया से गुजरें। यहां महत्वपूर्ण 20% बिंदु हैं जो इस व्यापक विषय के लगभग 80% को समाहित करते हैं।
1️⃣ कंपनी मीटिंग के प्रकार 🗓️👥:
संक्षेप में, किसी कंपनी में तीन प्रकार की बैठकें होती हैं: वार्षिक सामान्य बैठकें (एजीएम), असाधारण सामान्य बैठकें (ईजीएम), और बोर्ड बैठकें।
2️⃣ वार्षिक आम बैठकें (एजीएम) 📅📚:
कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 96 के अनुसार, प्रत्येक कंपनी को वित्तीय वर्ष के अंत से छह महीने के भीतर हर साल एजीएम आयोजित करना आवश्यक है।
3️⃣ असाधारण आम बैठकें (ईजीएम) 📢👨💼:
जब किसी जरूरी या विशेष कार्य को अगली एजीएम तक स्थगित नहीं किया जा सकता है, तो धारा 100 के अनुसार ईजीएम बुलाई जाती है। बोर्ड या सदस्य ये बैठकें बुला सकते हैं।
4️⃣ बोर्ड बैठकें 🏢👥:
बोर्ड बैठकें धारा 173 द्वारा शासित होती हैं। उन्हें कैलेंडर वर्ष की प्रत्येक तिमाही में कम से कम एक बार आयोजित किया जाना आवश्यक है, जिसका अर्थ है कि सालाना न्यूनतम चार बोर्ड बैठकें।
5️⃣ बैठक की सूचना 📝⏰:
प्रत्येक बैठक के लिए पात्र सदस्यों या निदेशकों को एक नोटिस भेजने की आवश्यकता होती है, जिसमें बैठक का एजेंडा, दिन, तारीख, समय और स्थान शामिल होता है। नोटिस की अवधि बैठक के प्रकार के आधार पर भिन्न होती है।
6️⃣ कोरम 📈👥:
यह बैठक आयोजित करने के लिए आवश्यक न्यूनतम सदस्यों की संख्या है। धारा 103 के अनुसार, यदि सदस्यता 1000 तक है तो सार्वजनिक कंपनी के लिए कोरम 5 सदस्यों की व्यक्तिगत उपस्थिति है, और यह सदस्यों की संख्या में वृद्धि के अनुसार बदलता रहता है।
इन महत्वपूर्ण बिंदुओं को समझकर, आप भारतीय कंपनी कानून के तहत बैठकों की व्यापक रूपरेखा को समझ जाएंगे। सीखने का आनंद लें, और अपने विचार या प्रश्न नीचे देने में संकोच न करें!