संतुलन अधिनियम – परीक्षण संतुलन
मॉड्यूल 3 में पुनः आपका स्वागत है! इससे पहले कि हम वित्तीय विवरणों की आकर्षक दुनिया में कूदें, आइए ट्रायल बैलेंस के रहस्यों को उजागर करें।
पाठ 1: ट्रायल बैलेंस का अनावरण
1.1 ट्रायल बैलेंस को समझना:
परिभाषा: एक विशिष्ट समय पर सभी सामान्य खाता बही शेष की सूची।
उद्देश्य: यह सुनिश्चित करता है कि लेखांकन समीकरण (संपत्ति = देयताएं + इक्विटी) संतुलन में है।
1.2 ट्रायल बैलेंस तैयार करना:
चरण 1: सभी खातों को उनकी शेष राशि (डेबिट या क्रेडिट) के साथ सूचीबद्ध करें।
चरण 2: डेबिट और क्रेडिट कॉलम का योग करें।
चरण 3: सत्यापित करें कि क्या कुल योग बराबर हैं। यदि वे हैं, तो आपकी पुस्तकें संतुलित हैं!
पाठ 2: डेबिट और क्रेडिट डिकोड किया गया
2.1 डेबिट बनाम क्रेडिट:
डेबिट: परिसंपत्तियों और खर्चों को बढ़ाता है, देनदारियों और आय को घटाता है।
क्रेडिट: देनदारियां और आय बढ़ाता है, संपत्ति और खर्च घटाता है।
2.2 सामान्य शेष:
संपत्ति और व्यय: डेबिट (डेबिट के साथ वृद्धि, क्रेडिट के साथ कमी)।
देनदारियाँ, इक्विटी और आय: क्रेडिट (क्रेडिट के साथ वृद्धि, डेबिट के साथ कमी)।
पाठ 3: ट्रायल बैलेंस में त्रुटियाँ
3.1 सामान्य गलतियाँ:
स्थानान्तरण त्रुटियाँ: रिकॉर्डिंग करते समय अंकों को बदलना।
ग़लत संतुलन: जोड़ या घटाव में त्रुटियाँ।
प्रविष्टि का चूक: लेन-देन रिकॉर्ड करना भूल जाना।
3.2 विसंगतियों का पता लगाना:
जोड़ और घटाव की पुनः जाँच करें: सुनिश्चित करें कि आपका गणित सटीक है।
खाता शेष सत्यापित करें: सुनिश्चित करें कि प्रत्येक खाता शेष सही ढंग से दर्ज किया गया है।
निष्कर्ष:
बधाई हो! आपने ट्रायल बैलेंस में महारत हासिल कर ली है। अब, आइए मॉड्यूल 3 में वित्तीय विवरणों के मूल में गहराई से जाएँ।